कबीर साहेब जी की जीवनी
भारत के महान संत और आध्यात्मिक कवि कबीर दास का जन्म वर्ष 1440 में और मृत्यु वर्ष 1518 में हुआ था। इस्लाम के अनुसार 'कबीर' का अर्थ महान होता है। कबीर पंथ एक विशाल धार्मिक समुदाय है जिसने संत आसन संप्रदाय के उत्पन्न कर्ता के रूप में कबीर को बताया। कबीर पंथ के लोग को कबीर पंथी कहे जाते है जो पूरे उत्तर और मध्य भारत में फैले हुए है। संत कबीर के लिखित कुछ महान रचनाओं में बीजक, कबीर ग्रंथावली, अनुराग सागर, सखी ग्रंथ आदि है। कबीर साहेब लहरतारा तलाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए थे। वहा से उन्हे नीरू , नीमा नाम के जुलाहा दंपती उन्हें अपने घर ले गए और उनका पालन पोषण लिया। कबीर साहिब जी के जीवनी के बारे में किताबों में लिखा है कि उनका जन्म विक्रमी संवत् 1455 (सन 1398) एक विधवा महिला से हुआ था लोक लाज के कारण उस विधवा महिला ने कबीर जी को लहरतारा तालाब के किनारे छोड़ दिया और वहां से नीरू नीमा उन्हें ले गए और उनका पालन पोषण किया परंतु कबीर साहेब जी की जीवनी पर जांच पड़ताल करने पर पता चला कि कबीर साहिब जी ने किसी मां से जन्म नहीं लिया कबीर साहिब जी सन् 1398 (व...